5 Simple Techniques For पारद शिवलिंग किसे कहते हैं

नवदुर्गा कवच अति पवित्र और बहुमूल्य है। इसे ख़ास नैनो तकनीक के माध्यम से आधुनिक रूप में तैयार किया गया है। इस कवच में माँ नवदुर्गा की भव्य प्रतिमा है। माँ भगवती से संबंधित मंत्रों के माध्यम से इसे सक्रिय किया गया है। वैसे तो नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ नवदुर्गा के नौ रुपों की आराधना होती है। लेकिन आप इस नवदुर्गा कवच के माध्यम से हर समय माँ के नौ रुपों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस कवच के मध्य में हाई डेफिनिशन लेंस द्वारा नव दुर्गा की नौ शक्तियों का स्वरूप देखा जा सकता है। यह कवच किसी भी प्रकार की बुरी ताक़त से बचाव करता है। जो कोई व्यक्ति इस यंत्र को धारण करता है वह निडर भाव से हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होता है। साथ ही उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे एकाग्रता शक्ति भी बढ़ती है और रोगों, दुखों, दरिद्रता एवं भय से मुक्ति मिलती है।

पारद शिवलिंग हे महादेवाचे प्रत्यक्ष रुप मानले जाते. त्यामुळे घरात पारद शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करा. घरातील देव्हाऱ्यात पार्वती-शिवांचे चित्र असेल तर त्यांच्यासमोर पारद शिवलिंगाची स्थापना करा. तत्पुर्वी चांदीच्या, तांब्याच्या किंवा पितळाच्या ताटावर पांढरे कापड पसरून त्यांना शिवलिंग बसवावे. सर्व प्रथम पारद शिवलिंगाच्या उजव्या बाजूला दिवा लावावा. त्यापूर्वी त्यांना गंगाजलाने आभिषेक करा.

नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने का अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। फिर चाहे वह धन किसी भी माध्यम से प्राप्त हुआ हो। उधार दिया गया पैसा वापिस पाने के लिए शिवलिंग पर चावल को अर्पित करना चाहिए।

जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है आर्युवेद के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार है। पारा कई रोगों में दवा के रूप में काम करता है

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं click here सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।

शिव लिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरुप मना जाता है. शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है. शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं. शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती है. विभिन्न प्रकार के शिव लिंगों की पूजा करने का प्रावधान है.

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स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।

पारद शिवलिंग काफी लाभकारी होती है इसीलिए जो भी व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करता है नकारात्मक शक्तियां उससे दूर रहती हैं।

ब्रह्मपुराण, वैवर्तपुराण, शिव पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में पारद शिवलिंग की महिमा का वर्णन मिलता है। शहरों के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी तरह की परेशानियां दूर होने लगती है। व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और उसके घर में सुख समृद्धि का वास होता है। यदि घर में कोई लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हो तो उसे पारद शिवलिंग की पूजा जरूर करनी चाहिए। आर्थिक हानि से बचने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा बेहद लाभकारी होती है।

स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

Just rub the lemon on the area of Parad shivling just about every alternate working day. It can begin shining. Then clean it by using a h2o and wipe it off with clean fabric. Now it is able to worship or dress in. There'll be no markings still left anywhere from the shivalingam or if worn in the human body.

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